तारीफ़

मेरे लफ्जो को पढ़कर,
उनका यू रों देना।
फिर पड़ना, और
तारीफ में हाल ए दिल लिख देना।।

मानता हूं, तुम्हे हंसाने की,
मेरी नाकाम कोशिश है ये।
पर शुक्रगुजार हूं, की मेरी,
कलम की तूने तारीफ करी।।

देव

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