मौसम भी बेहिसाब बेईमान है
जब वो नहीं साथ, घटाओ का बिगड़ा ईमान है
बरसात का भी कुछ ऐसा मिजाज है
बस बरसती ही नहीं, छेरती साज है
टप टप की आती मधुर आवाज है
बचपन का बिंदास भीगना आता याद है
अब भी, वो बचपना और वो जवानी है याद
छोड़ा नहीं है मैंने किसी साथ
बस, दूरियां बड गई है
तन्हाइयां रह गई है
पर मैं भी जिद्दी हूं
अब भी वाही बचपना जीता हूं
जवानी की हरकतें साथ रखता हूं
वो नहीं, तो क्या, मैं तो हूं
अकेला हूं, पर बिंदास जीता हूं
देव