हुस्न तेरा मुझे इक पल में
मदहोश कर गया
आइना रोज तुझे
कैसे देखता होगा
तेरी जुल्फें है घनी
लगती है बदलो कि टोली
खोल दे तू इन्हे
बरसाने दे घटाए जम कर
हस दे एक बार
बरसा दे खुशी हम पर
जाने कब से सुखी
पड़ी बस्ती मेरी
सुना आंगन है मेरा
सूनी है गालियां मेरी
तू कदम रख दे अपने
बन जाए दीवाली हर दिन
देव