रिश्ते बिखर से गए

वो तो आया, चुरा कर ले गया
बस, वो ही, जो फिर आ सकता था
पर छोड़ गया, अफसाने
दुनिया लगी बतियाने
कुछ पसंद कुछ नापसंद
कोई पक्ष कोई विपक्ष
और बना गया दूरियां
दिलो में, जो जुड़े थे कभी
इक अनजान डोर से
और, वो बस देखती रही
सुनती रही, कुछ ना किया
कुछ ना कहा और
रिश्ते बिखर से गए

देव

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