जीवन यू ही सुकून से निकल जाता,
गर उसमे खूबसूरती का अहम।
मुझमें उसे पाने का, वहम नहीं आता।।
वो तरपाती रही, हर चाहने वाले को।
हम तरसते रहे, बस उसे पाने को।।
काश एक बार, राह बदल कर देखी होती।
क्या पता, जिंदगी नए मोड़ पर खड़ी होती।।
अब भी वक़्त नहीं गुजरा है,
दिन अभी भी बाकी है।
अभी चालीस में ही पहुंचे है,
आधी जवानी बाकी है।।
चलो, कुछ नया करते है,
इस बार दिल लगाए बिना प्यार करते है।
किसी को पाने की उम्मीद नहीं,
सबके दिलो में बस जान की तकल्लुफ करते हैं।।
देव