हा हा… हसीं आती है उनके ख्यालातों पर
जो अक्सर मेरा जिक्र करते रहते है आज कल
वक़्त और जरूरत भी नहीं देखते
खुद का नफा नुकसान भी नहीं सोचते
बस, कुछ इस कदर परेशान हो गए है
की बुराई करने में, सबकी अम्मा हो गए है
माना, मैं अकेला हूं, और बिंदास जीता हूं
अच्छा कमाता और शायरी भी करता हूं
बाय चांस खुदा ने बनाया भी हैंडसम है
और लड़कियों से बात करने में, शर्म भी नहीं करता हूं
जाने क्यूं, कुछ मैं समझ गया था
दिल टूटने से, बहुत डर गया था
इसीलिए, अब पहले ही बता देता हूं
बस, दोस्त बन सकता हूं,
आपसी जरुरते पूरी कर सकता हूं
किन्तु, प्लीज़ उससे आगे की ना सोचना
उससे आगे ना जाना,
ना दिल लगाना, ना दिल में बसाना
खा चुका हूं ठोकर,पहले भी राहों में
मिला है धोका, पहले भी प्यार में
सालो जिसको चाहा, वोही दगा दे गई
लाखो की मालकिन, हजारों में खेल गई
अब दोबारा, मुझसे ये सब ना हो पाएगा
मोहब्बत है, अब ये किसी से ना कहा जाएगा
बस, क्या करू, उसने भी मुझे यार बना डाला
अपना कीमती वक़्त, और जाने क्या क्या कीमती
हम पर खर्च कर डाला
और आगे बड़ने के पहले,
बस मैंने ही नहीं, औरो ने भी कहा था
यार ये बढ़िया है, पर रिश्ते में नहीं बांधता है
फिर भी, खूबसूरती का अहम उससे बोला
तेरे रूप में तो अच्छे अच्छो का लंगोट है खोला
फिर ये क्या चीज़ है, और जरूरत तेरी भी है
बस, सिलसिला चल पड़ा मिलने मिलने का
नो स्टिंग अटैचेड का कॉन्सेप्ट चल पड़ा
पर ये भी चाइनीज ही निकला
चंद हफ्तों में ही, रूप नया दिखलाया
जो ना बनना चाहती थी गर्लफ्रेंड
बीवी का सा कहर बरपाया
और जब ना गली दाल ऐसे
हर मौके, हर चेहरे को अपना हाल बताया
मेरे बिंदास मिजाज को,
मेरी बेसंगती बताया
कभी इसको, कभी उसको
मेरे हर अज़ीज़ को
थोड़ा मिर्च मसाला लगा कर
अपनी गलतियां छिपाकर
मेरा कैरेक्टर सर्टिफिकेट चिपकाया
पर, क्या हुआ,
मैं अब भी वही हूं जो कल था
दोस्त तो अब भी मुझे जानते है
मेरी वास्तविकता पहचानते है
क्यूं कि, में जो हूं वही नजर आता हूं
कोई मुखौटा नहीं लगाता हूं
बस, अब मैं और सम्हल गया हूं
स्त्री को थोड़ा और समझ गया हूं
देव