यारो की महफ़िल में खो जाते है..

छांव नहीं मिलती, सूखे दरखतों से
आयो आशियां नया बनाते है

टूट गए है ख्वाब तो क्या
आओ, हकीकत को अपनाते है

कुछ कम रह गई है जिंदगी तो क्या
जीलो, इसे लंबी नहीं, बड़ी बनाते है

माना, छोड़ दिया है, जमाने ने हमें
आओ, कुछ दोस्त नए बनाते है

कुछ शामे भूलकर गम अपना
यारो की महफ़िल में खो जाते है

देव

Leave a Reply