मेरी मौशिकि में जिक्र तेरा
यू ही बेवजह नहीं होता
तेरे अंदाज़ के, सब ही नहीं
हम भी कायल है
तेरे इश्क़ में देने शहादत
खड़े है दीवाने हजार
बचा लू, जान आशिकों की
यही मेरी मोहब्बत है
देव
मेरी मौशिकि में जिक्र तेरा
यू ही बेवजह नहीं होता
तेरे अंदाज़ के, सब ही नहीं
हम भी कायल है
तेरे इश्क़ में देने शहादत
खड़े है दीवाने हजार
बचा लू, जान आशिकों की
यही मेरी मोहब्बत है
देव