रंग बिरंगी पोशाकों में, झूला झूले गोरियां।
सावन रे माह में देखो, तीज मनावे छोरियां।।
बरसे बौछारें, तन भीगा के जावे
पिया बुलावे गोरियां।
मन ही मन, अपने साजन को,
चुने जतन से छोरियां।।
पिया मिलन के बेला में, हाय, शर्मावे गोरियां।
बात ब्याह की निकले तो, झट लजावें छोरियां।।
खुशी बड़ी है, पर याद में मां की, दिल भर लेवे गोरियां।
पिता का आंगन, छोड़ने की सोचे, भर आंसू रोव छोरियां।।
देव