ये वतन मेरी मन,
ये वर्दी मेरी जान है
हिन्द का सिपाही हूं,
जय हिन्द मेरी शान है
कुरबा करू हर जन्म वतन पर
गर मौका मुझे मिले
वरदान भगवान दे, तो मांगूंगा
हर जन्म हिन्द में मिले
मां ने बचपन से ही सिखाया
भारत पहली मां है
शीश उठा कर जियुंगी मैं
जो लाल देश पे कुर्बान हो
काश! मुझे भी मिल पाती
किस्मत ऐसी कुर्बानी की
न्योछावर कर तन मन धन मेरा
देता जान तिरंगे की खातिर
देव
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