आज फिर से उजाला हुआ है
नया सवेरा है ये
क्यूं उदास बैठा है मन रेे
उठ, चल, बड आगे
दिन बड़ा पड़ा है सामने
माना कल बड़ा कठिन था
तेरे जीवन में आया भूकंप था
स्याह रात ने था घेरा
जीवन में हो गया था अंधेरा,
पर ये तेरा विश्वास ही था
की सुबह फिर आएगी
फिर से तेरे जीवन में
खुशी की किरण एक लाएगी
देख, उठ जरा
वो रात कब की जा चुकी
प्रकाश की किरणे आ चुकी
उठ, चल, बड आगे
दिन बड़ा पड़ा है सामने
अभी तो बस शुरुआत है
अभी तो बड़नी प्यास है
अभी तो जीवन चक्र चला है
अभी तो बहुत जीवन पड़ा है
ना थक, ना हार,
ना कल की सोच हार
आज, तुझे मिला है
तू जीतेगा
गमो का घड़ा भर गया है
अब फूटेगा
खुशियां अपार खड़ी है
रास्ते में
इंतेज़ार किसका है
उठ, चल, बड आगे
दिन बड़ा पड़ा है सामने
देव