मोहब्बत करने की कुछ वजह तो दो, क्यूं में बेवजह कर लूं।

मोहब्बत करने की कुछ वजह तो दो, क्यूं में बेवजह कर लूं।
पहले ही, क्या कम दाग़ लगे है हम पर, क्यूं मैं एक और गुनाह कर लू।।

अभी तो हरे है जख्म मेरे, जो दिए थे कभी, जान ने जान पे।
जान, ना निकली, ना छोड़ी, बेगैरत वो बला निकली।।

अभी भी मुलाकात होती है अक्सर, अभी भी ढूंढ़ते है वो अक्स मेरा।
मगर कौन समझाएगा उनको,
जिंदगी मिलती नहीं, बेजां सूखे दरखतो में।।

देव

One thought on “मोहब्बत करने की कुछ वजह तो दो, क्यूं में बेवजह कर लूं।

  1. मोहब्बत दिल से होती है
    जब होनी होती है तभी होती है
    मोहब्बत करने की कोई वजह नही होती है।

    फिर रिश्ता चाहे कोई भी हो इस्से कोई फर्क नही पड़ता है।

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