तालो की बौछार में देखो,
थिरके पांव है सबके,
दिल में सबके, रंग प्यार का,
छम छम पायलिया छमके।।
कुर्ती कांचली, कली का लहंगा
सतरंगी चुनरिया सिर पे,
सोलह श्रृंगार सजे है तन पर
मटक मटक वो चल दी।।
कृष्ण खड़े, राधा को ताके,
राधा, इतराती जावे
बांसुरी की धुन जो सुने गोपियां
मत्रमुग्ध हो नाचे।
ना बैर यह, बस प्रेम बसा
हवा भी प्रेमधुन गावे,
सबमें राधा, कृष्ण बसे,
देखो, प्रभु कैसे रास रसावें।।
देव