अब तुझे नींद कहा आएगी,
रातें, उसकी याद में जागेगी,
हया से लाल थी, बाय बोलने में जिसे,
उसके नाम से, क्यूं ना शरमाएगी,
यारो, से अब तो किस्से छुपाएगी,
नज़रे बचा, महफ़िल में,
उसने नज़रे मिलाएगी,
शाम के आते ही, शमा के हाथ में,
उसके नगमे गुनगुनाएगी।।
देव
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अब तुझे नींद कहा आएगी,
रातें, उसकी याद में जागेगी,
हया से लाल थी, बाय बोलने में जिसे,
उसके नाम से, क्यूं ना शरमाएगी,
यारो, से अब तो किस्से छुपाएगी,
नज़रे बचा, महफ़िल में,
उसने नज़रे मिलाएगी,
शाम के आते ही, शमा के हाथ में,
उसके नगमे गुनगुनाएगी।।
देव