कुछ पल में ही, महीने जी लेते है..

कुछ पल में ही,
महीने जी लेते है,
फिर तेरे इंतेज़ार में,
पल पल गिनते है,
तू और मैं, मैं और तू,
हुए थे साथ, रहने को,
और जमाने के ये सितम,
हमें जुदा रखते है,

कोई बात नहीं, भाई,
हां, भाई हूं में तेरा,
तू दूर जोकर भी,
करीब मेरे दिल के है,
तेरे हर आंसू की खबर,
तेरी हर हंसी का सबब,
तेरी नौटंकियां,
तेरा लड़कपन,
सब, पता चलता है मुझको,
बस, आंखे बंद करता हूं पल को,
और तेरे करीब होता हूं,

अब और नहीं,
वक़्त वो ज्यादा दूर नहीं,
जब लोग समझेंगे हमें,
दूर करेंगे, अहम अपने,
माता पिता, बन कर,
एक बार, जब वो देखेंगे हमको,
तब, तू फिर मेरे साथ होगा,
मेरे हाथो में,
तेरा हाथ होगा,
तेरे चेहरे से दूर,
परेशानी होगी,
खुशियों का हर पल,
ग़म की नहीं, कहानी होगी।।

देव

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