जिसे देखो, वो खोया हुआ है

कोई नहीं है आस पास,
पर, कर रहा है, बहुतों से बात,
टकटकी लगा,
मोबाइल में घुसा है,
जिसे देखो, वो खोया हुआ है।

वैसे तो, बहुत मेहनत करता है,
दिन रात लगा रहता है,
रातों की नींद खो चुका,
दिन भर काम करता है,
नहीं आराम करता है,
मशीन बन चुका है,

चेहरा है, पर मुस्कान नदारद,
कुछ है, जो हर वक़्त सोच में आमद,
लोग बहुत है, पर आवाजें नहीं,
लगता है, जिंदगी खो गई कहीं,
बस, स्क्रीन ही खास हो गई है,
हर किसी की, आंखे,
मोबाइल में जमीं है,
कोई दुआ, कोई सलाम नहीं,
जैसे, चाय है, पर चुस्की की कमी,
जाने, क्या हो गया है,
जिसे देखो, वो खोया हुआ है।

देव

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