बयां, करता हूं हाल ए दिल अपना

अक्सर जिंदगी मिलती है मुझे राहों में,
अक्सर, पूछती है हाल मेरा,
बयां, करता हूं हाल ए दिल अपना,
चांद अल्फजो में,

क्या कहूं, क्या ना कहूं,
कष्मेकश सी है यहां,
रिश्ते निभाने में गया,
अनमोल वक्त जो था मेरा,

अब हूं अकेला, चल पड़ा,
हूं अनजानी राहों पर,
ना सोचा, मंजिल का मैंने,
बस आस है, अल्लाह पर,

मिलते गए, मुसाफिर कभी
कुछ कदम साथ हों लिए,
मुड़ कर देखा जब कभी,
बस मैं था, बस मैं ही था,

देव

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