मेरी झोली, इस बार भी खाली,

इस बार, दीवाली का इनाम नहीं दिया,
क्या हुआ, अब तो दिन भी काम बचे है,
चलो, कोई ना, वक़्त अभी भी है,
और, मेरी झोली, इस बार भी खाली,

तुम्हे याद है, पिछली बार भी तुमने,
मुझे खाली हाथ ही भेज दिया था,
फिर , तुम भी, दीवाली का मजा,
कहा मिला था,
बीते पल, यादों में बस खोई रही थी,
नए लोगो की, दिल में जगह नहीं थी,
कुछ चिड़चिड़ी सी नजर आ रही थी तुम,
जगमग दीवाली, अंधेरे में मना रही थी तुम,

कहते है, गया वक़्त फिर से नहीं आता, पर
देखो, इस बार, में फिर से आया हूं,
लेकिन, इस बार खाली हाथ नहीं जाऊंगा,
इनाम में, तुम्हारी फिकरे, परेशान राते,
दर्द के किस्से, लेकर जाऊंगा।।

देव

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