हंसने की अदा,
कोई सीखे तुझसे,
क्या बात है तुझमें,
कोई पूछे हमसे,
लोग तो यूं ही,
बाते बना देते है,
जाने क्यूं, बेवजह,
दूरियां बना लेते है,
और तू है, फिर भी मुस्काती है,
यारो की महफ़िल में,
चांद बन जाती है।।
देव
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हंसने की अदा,
कोई सीखे तुझसे,
क्या बात है तुझमें,
कोई पूछे हमसे,
लोग तो यूं ही,
बाते बना देते है,
जाने क्यूं, बेवजह,
दूरियां बना लेते है,
और तू है, फिर भी मुस्काती है,
यारो की महफ़िल में,
चांद बन जाती है।।
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