पेरिस, मोहब्बत का शहर,
हां, कहते है, इश्क़ बसता है यहां,
मैंने भी महसूस किया जरा,
हवा भी रूहानी है यहां,
सर्द सुबह में बसी, गर्माहट,
आपस में होती, सुगबुगाहट
चेहरों पर चमकता नूर,
बिखरा है, हर तरफ नूर,
काश, शाम एक बिता पाता,
यहां की गलियों में, घूम पाता,
आऊंगा, फिर मैं किसी और दिन,
बनाने, जिंदगी के, कुछ पल हसीन।।
देव