हसने की अदा, कहीं भूल गई थी,

हसने की अदा, कहीं भूल गई थी,
जिंदगी की कश्मेकश में, खो गई थी,
आज फिर, तुमने कुछ याद दिला दिया,
मेरे चेहरे को हंसना सीखा दिया,
कौन कहता है, यार बेकार होते है,
बेकिमती, बहुत खास होते है,
दर्द खुद के छिपा दिलो में अपने,
यारो को जिंदगी, उधार देते है।।

देव

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