मेरी कविताओं को
मेरे स्टेटस से कनेक्ट कर जाते है,
कभी कमिटेड तो कभी
अवेलेबल मान लेते है,
क्या कहूं, कब तक कहूं,
मैं तो बस, जो महसूस करता हूं,
वही लिखता हूं,
अक्सर दूसरी की फीलिंग्स
का इजहार करता हूं,
और लोग उसे मेरी
कहानी मान लेते है,
कभी कमिटेड तो कभी
अवेलेबल मान लेते है,
बता रहा हूं, जिस दिन
खुद की कहानी लिखूंगा,
कुछ अलग अंदाज में कहूंगा,
हां, जब कभी मोहब्बत करूंगा,
जिससे करूंगा, बिंदास करूंगा,
क्यूं छिपाऊंगा, खुले आम,
सबको बताऊंगा,
जिसे चाहूंगा, उस पर, जान लूटा दूंगा,
पर, अभी मैं, सच में सिंगल हूं,
ना कमिटेड हूं, ना अवेलेबल हूं।।
देव