आज फिर, तुझे उसकी याद आ गई
बातो बातो में,तेरी आंखो में, नमी छा गई,
जैसे, अब भी, तू याद उस करती है,
तेरी सांसे, अब भी, उसके लिए चलती है,
आज भी, तू उसके दामन में है बैठी,
इंतेज़ार, शाम को, दरवाजे पर है करती,
नहीं दूर कही, जैसे वो गया है तुझसे,
यही कही, बसा है, दामन में तेरे,
इतनी मोहब्बत, कहा मिलती है जमाने में,
सीखना है बाकी, इश्क़ करना, तेरे अफसाने से।।
देव