बहुत टूटी हूं मै, हर मोड़ पर लुटी हूं मैं,
फिर, अपने को संवारने की कोशिशें करी हजार,
फिर भी, अभी भी, नहीं संभली हूं मै,
के, अब मोहब्बत है तुमसे, सुना नहीं जाता,
अब इश्क पर भरोसा, नहीं हो पाता,
कैसे भी करूं, कुछ तो है मुझमें,
जो मेरा यकीं करे, मुझे कुछ पल सुने,
मैं ही मुझको, अभी जान नहीं पाई हूं,
अपनी रूह को भी, कहां पहचान पाई हूं।
और यकीन करू तुझ पर, तो करू कैसे,
तुझे प्यार है मुझसे, ये मान लूं कैसे,
अभी तो खुद के प्यार पर भी, यकीन नहीं मुझको,
ऐसे ही लेना दिल तेरा, अखरता है मुझको,
अभी तो खुद से, मोहब्बत निभानी है,
खुश बस दिखती हूं, खुशियां मनानी है,
फिर करूंगी प्यार, मैं भी एक दिन कभी,
इश्क़ में खोकर जिंदगी, मुझे भी बितानी है।।
देव