कहते है, लोग बदल जाते है,
अपने अहम में खों जाते है,
अक्सर, जो अपना कहते है,
पल में, यूं ही, छोड़ जाते है,
छोटी छोटी बातों को दिल से लगाते है,
मामूली से बात पर, रिश्ते तोड़ जाते है,
वैसे तो, कहते है, दोस्त है यार,
और पीठ में छुरा घोप जाते है,
समझाए कैसे, कैसे मनाए,
जब वो, अहम को, गुरूर मान बैठे है,
और कहते है, मैं बदल गया हूं,
इसी बहाने, रास्ते में बदल जाते है।।
देव
kitna sahi kaha aapne! I can relate to this.