थोड़ी से हंसी, काफी है, तेरी
गम हजार, भूल जाने को,
तेरी मुस्कुराहट काफी है,
खुद को भूल जाने को,
कौन कहता है, पीते है हम,
ये तो बस, थोड़ा सा जीते है हम,
तू, नहीं होती है जब करीब मेरे,
दो जाम लगा, तुझसे मिलते है हम,
और, दोस्त ने कहा था,
नशा तो शराब में ही होता है,
ये साबित कर सकतें है,
नाचती बोतल भी है,
क्यूं की, शबाब तो बस,
मोहब्बत कराती है,
वो नहीं होती जब करीब अपने,
तब भी, करीब, बहुत करीब ले जाती है,
और, नहीं सोचना पड़ता है, देखने को उन्हें,
जिंदगी पूरी, उन्हें तकने में गुज़र जाती है।
देव