हो हो सेल्फ़ी मेरी, हां सेल्फ़ी मेरी,
सुबह सुबह की सेल्फ़ी मेरी,
सबको क्यूं डराती है,
कजरारे नैनो में भी क्यूं,
तारीफ एक ना आती है,
नज़रों से ही वार करू,
एक पल में, हजार बेहाल करू,
बन लट्टू, आशिकों की टोली,
पल में अपने नाम करूं,
पर सुबह सुबह, अम्मा सबकी क्यूं मर जाती है,
कजरारे नैनो में भी….
गाल गुलाबी, होठ शराबी,
चाल मेरी मतवाली है,
जिस गली घुस जाऊं मैं,
मर्दों की वह दीवाली है,
पर सुबह सुबह, की वॉक में, कर्फ्यू क्यू ले आती है,
कजरारे नैनो में भी…..
सुबह सुबह की सेल्फ़ी मेरी,
सबको क्यूं डराती है,
कजरारे नैनो में भी क्यूं,
तारीफ एक ना आती है,
देव