वो समझते है, मुझे मोहब्बत है,
हां, मुझे मोहब्बत है, मगर खुद से,
खुद ही खुद को प्यार करता हूं,
नहीं में किसी का इंतजार करता हूं,
जब मैं होता है, जीता हूं,
हां, अक्सर मैं भी पीता हूं,
और जब यार है, साथ
तो क्या गम,
मेरी जिंदगी में नहीं खुशियां,
आैरो से कम,
ना बंदिशे, ना बेड़ियां
है जमाने की,
फितूर मेरा है, और मर्जी भी मेरी,
बस, जीता हूं मैं,
हां, अक्सर पीता हूं मैं,
कुछ है, जो अब भी साथ हैं,
जो चले गए, अब नहीं खास है,
सुबह भी मेरी, मेरी अब शाम है,
ख्वाबों में मेरे, मेरा राज है,
अब बिस्तर मेरा, मेरा सामान है,
अब चैन से, सोता हूं मैं
हां, अक्सर पीता हूं मैं।।
देव