हमने भी कर ली नौटंकी

देख कर दुनिया रंग बिरंगी,
हमने भी कर ली नौटंकी,

वो देखो, लोगो का मेला,
जरा सा मसला, हुजूम हजारों का,
बातें अपनी किस्से अपने,
सबने है इक कहानी बनाई,
जिन्हे वक़्त नहीं पल भर का,
बीच रोड कर रहा नौटंकी,

दुख है जिनके, अपने गए जब
आस पड़ोस झट मिलने गए तब,
रिस्तेदारो की जब अाई बारी,
नए कपड़ों में, बैठक है लगाई,
मौत किसी को, खा गई पल में,
बाकी ने लगाई, देखो नौटंकी,

वही देखो, हम भी तो यहां पर,
तोड़ गए, जिनसे रिश्ते पल में,
खास जो थे, वो ही ताने कसते,
कहां हमे, अब निमंत्रण मिलते,
फिर भी, मस्त है मौला हम तो,
मिले यहां, करने नौटंकी,

निकला था घर से, दूर है जाने,
सोचा, थोड़ा वक़्त, कहीं बिताले,
नन्हो से जब मिला, राह में,
छोटी हो गई ख्वाहिशें, उसके सामने
भूल जहां को, सपनों को सारे,
बच्चों के संग, करने लगा नौटंकी,

हैं बाते भी उनकी, बड़ी रंग बिरंगी,
मैंने भी कर ली, नौटंकी।।।

देव

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