तेरे सामने नहीं, अब मैं आता हूं

तेरी तारीफ में, में अब नहीं लिखता,
ऐसा नहीं, की में तुझ पसंद नहीं करता,
बस डरता हूं, जमाने से,
बेकार की कहानियों से,
जो पल में रिश्ते बनती, और बिगाड़ती है,
किसी तो राजा, किसी को रंक, पल में बनाती है,

तेरी आबरू है, कहीं बड़ी, मोहब्बत से मेरी,
कैसे कर सकता हूं, रुसवा, मैं, ख्वाहिशें तेरी,

माना, इश्क़ तुझको नहीं, पर
मुझको मोहब्बत है तुझसे
तेरे दामन में ना लगे दाग कोई,
तेरी परवाह है मुझको,
इसीलिए, बस चुपचाप तुझे चाहता हूं,
ना हो खबर तुझे भी,
तेरे सामने नहीं, अब मैं आता हूं।।

देव

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