बहुत सोचा, बदलना है,
लोग यू ही तो नहीं बोलते,
बोलते भी है, वो जो साथ है,
खास है, जो मिले मुझको,
मुझसे मिलकर,
पसंद किया है मुझको,
मेरी बातें सुनकर,
मेरी आदतों को देखकर,
ही तू जुड़े है मुझसे,
और सच में, वो सब बहुत खास है,
वो सच कह रहे है, जानता हूं,
पर बदलाव, अकेला नहीं आता,
कुछ पाते है, तो कुछ खोते है,
कभी, अकेले में बैठ रोते है,
तो कभी हसतें है,
बैठा, मनन किया,
थोड़ा घूमा, थोड़ा मौन रहा,
जोड़ा घटाया, कुछ गुना भाग किया,
जिंदगी को एनालाइज किया,
पाया, मैं जो मैं हूं, उसे है तो
सबने है पसंद किया,
मुझे देख कर ही तो जमाना,
मेरे साथ हुआ,
फिर क्यूं, मैं बदल जाऊं,
क्यूं की बदलाव अकेले नहीं आता,
साथ में बदलाव और भी है लाता,
एक की चाह में, और बहुत कुछ
जो खास है, खो जाता,
हां, सच में, जो बदलना है,
वो ग़लत है, तो कोई क्यूं अपनाता,
या, वो गलत, पाप की श्रेणी में आता,
फिर, क्यूं बदलू, मैं मैं ही रहूं।।
देव