पहली बार पीने पर, क्या हुआ था

कल फिर वही किस्से पुराने,
बस इस बार, कुछ नया था,
पहली बार पीने पर, क्या हुआ था,

बताया था उसने,
पीकर क्या क्या हुआ था,
जब बैठ मां के सामने,
बेवड़े होने का पछतावा किया था,

वही किस्सा, भूलने का भी आया था,
कैसे, याद नहीं कुछ आज तक,
का जिक्र जुबां पर आया था,
और पहली बार, पीने का सबब जब बना,
किसी ने, पूरी बार का सेटअप,
घर पर लगाया था

कोई भूल जाता है,
कोई भूलना चाहता है,
और कोई जानना चाहता है,
कि ये सब कैसे हो जाता है,

कोई बात नहीं, ये सब किस्से पुराने थे,
अब नहीं कहानियां है,
जो बनेंगी और सुनाई जाएंगी,
अगली महफिल में,
इस महफ़िल की, बातें बताई जाएगी।।

देव

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