हर दिल तन्हा होता है,

महफिलें तो बहुत सजती हैं यहां,
लोग की काफी होते है,
हर दिल तन्हा होता है,
हर रूह, पराई होती है,

अपना, कहने को, तो सब कहते है,
पलटते ही, सच्चाई निकलती है,
इश्क़ कैसे बसेरा करें वहां,
नफरतें जहां पर बसती है,

बांटे प्यार तो दीवाना,
ना बांटे तो, काफिर कहते है,
खुदगर्ज जमाना है इतना,
तारीफे कहा अब रहती है,

देव

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