मेरा जिक्र था,

आलम ही कुछ अलग था,
महफ़िल में आज का,
हमें उनका जुनून था,
अंदाज उनका भी, हसीन था,

जबां पर था नाम,
नज़रों में सलाम था,
किस्से में उनके आज,
मेरा जिक्र था,

देव

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