इंतेज़ार तू कर, ऐतबार तू कर
तू अपनी मोहब्बत पूरी कर,
होती है मुराद, यहां पूरी,
जब सच्ची मोहब्बत होती है,
खुदा भी साथ में होता है,
जिस दिल में मोहब्बत होती है,
अक्सर, इंतेहा वो लेता है,
मुश्किल घड़ी, जब होती है।।
देव
इंतेज़ार तू कर, ऐतबार तू कर
तू अपनी मोहब्बत पूरी कर,
होती है मुराद, यहां पूरी,
जब सच्ची मोहब्बत होती है,
खुदा भी साथ में होता है,
जिस दिल में मोहब्बत होती है,
अक्सर, इंतेहा वो लेता है,
मुश्किल घड़ी, जब होती है।।
देव
Nice