अब मैं हूं, तो सब मग्शूल

मोहब्बत भी क्या चीज़ है,
जिससे करते है, वो करती नहीं,
और जो चाहती है, उससे होती नहीं,

अक्सर, यू ही वक़्त गुज़र जाता है,
ख्वाबों में अरमान सकते है,
और हकीकत ख्वाब में निकल जाती है,

भीड़ में होकर भी, तन्हा क्यूं है,
जब सब थे, तो मैं मगशुल था,
अब मैं हूं, तो सब मग्शूल

देव

Leave a Reply