अब तो दिन भी बरस लगते है,
उसके दीदार को, तरसते है,
वैसे तो मिला था, सात दिनों पहले,
ना जाने क्यूं, सात साल लगते है,
इंतेज़ार था आज का, मिलेगी वो मुझसे,
कुछ पर गुजरेंगे, संग फुरसत के,
बेसब्र था मै, सोया भी ना ढंग से,
घंटो पहले, निकला मैं घर से,
ना अाई वो, ना वो वक़्त मिल सजा था,
बस महफ़िल में उससे रूबरू हुआ था,
नज़रे मिली थी, बाते हुई थी,
बाकी वक़्त उसको, तकता रहा था,
जी भर के उसको, देखा किया मैं,
तस्वीर उसकी, लेता रहा में,
जाने कब अब, उसका दीदार होगा,
जाने कब उसको, मुझसे, प्यार होगा,
देव