मेरे महबूब, तेरी सूरत ही काफी है,
अंधेरे में मेरे, रोशनी के लिए,
बस तू हटा दे, चेहरे से नकाब जरा,
दीदार ही तेरा चाहे, कुछ पल के लिए,
देव
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मेरे महबूब, तेरी सूरत ही काफी है,
अंधेरे में मेरे, रोशनी के लिए,
बस तू हटा दे, चेहरे से नकाब जरा,
दीदार ही तेरा चाहे, कुछ पल के लिए,
देव