मुद्दत से तेरा होने की, जुस्तजू की है,
खुदा की आज मैंने इबादत की है।
तुझमें ही है खुदा, मेरा बसता
तेरे चेहरे में मैंने उसकी, झलक देखी है।।
तुझे छू लू, नहीं तमन्ना मुझको
तेरी दीदार की बस, आरजू की है।।
देव
मुद्दत से तेरा होने की, जुस्तजू की है,
खुदा की आज मैंने इबादत की है।
तुझमें ही है खुदा, मेरा बसता
तेरे चेहरे में मैंने उसकी, झलक देखी है।।
तुझे छू लू, नहीं तमन्ना मुझको
तेरी दीदार की बस, आरजू की है।।
देव