हिला ना रत्ती भर तुम पाओगे

देखे है विनाश, असंख्य मैंने,
किए भी है, धर्म निभाने को,
तुम नए नहीं मेरे लिए,
क्यूं डरे हम तेरे लिए,

ये भूमि राम कृष्ण की,
यही हुए थे अर्जुन और भीम,
राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह,
बोस थे रहते, यह कभी,

यहां नारी को पूजा जाता है,
पिता से पहले माता है,
धर्म यहां प्रधान है,
धन से बड़ा, यहां मान है,

तुम मुझे क्या हराओगे,
दया के लिए गिड़-गिड़ाओगे
बसी है जहां, रगों में शक्ती,
हिला ना रत्ती भर तुम पाओगे,

देव

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