गहरी आंखो में तेरी, समाऊंगा,
मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा,
नदारद है, कुछ पल ही, तू आज सही,
कल तुझे, जिंदगी, अपनी बनाऊंगा,
मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा,
माना फुरसत, है तुझे, आज बहुत,
तेरे जेहन को, यादों से, भर जाऊंगा,
मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा
कौन कहता है, उम्र नहीं, इश्क़ की ये,
मैं तुझे, याद में, रात भर जगाऊंगा,
मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा
गहरी आंखो में तेरी, समाऊंगा,
मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा।
देव