कब रिश्ते गुमशुदा हो गए

पहले जो हम हुआ करते थे,
वो अब मैं हो गए,
पता ही नहीं चला कब,
रिश्ते गुमशुदा हो गए।।

मिसालें देता था जमाना, जिन
मुसाफिरों की, वो राहें बदल, खो गए
पता ही नहीं चला,
कब रिश्ते गुमशुदा हो गए,

खोखली कर, अपनी ही बुनियाद,
घर मकान, मकान खंडहर हो गए,
पता ही नहीं चला,
कब रिश्ते गुमशुदा हो गए,

देव

2 thoughts on “कब रिश्ते गुमशुदा हो गए

  1. बहुत सुंदर लिखा है
    हम भी यहां पर अपने विचार प्रकट किया करते है तो आपके पास थोड़ा सा समय हो तो हमे भी पढ लेना

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