क्या होगा, गर आग के दरिया में कूद जाएंगे,
मोहब्बत को खुद ही रुसवा कर जाएंगे,
मोहब्बत है, तो मोहब्बत की,
खुशी को समझो जरा,
मजबूरी उसकी भी होगी,
नहीं वो पास यहां,
मोहब्बत है तो, बस
मोहब्बत करके दिखलाओ,
उसके दर्द को, अपना जरा बनाओ,
फिर अहसास कुछ और होगा,
मुकाम ए मोहब्बत कुछ और होगा।।
देव