हां, इश्क़ तो है उससे,
मगर बोलने से डरता हू,
कुछ तो होंगे, ख्वाब उसके,
तोड़ने से डरता हू,
यूं तो वो भी समझती है,
मगर चुप रहती है,
शायद, मेरे कुछ बोलने का,
इंतेज़ार वो करती है,
देव
हां, इश्क़ तो है उससे,
मगर बोलने से डरता हू,
कुछ तो होंगे, ख्वाब उसके,
तोड़ने से डरता हू,
यूं तो वो भी समझती है,
मगर चुप रहती है,
शायद, मेरे कुछ बोलने का,
इंतेज़ार वो करती है,
देव
गुजरते लम्हों में…..🌲🥀
सदियां तलाश करती हूँ,
ये मेरी प्यास है……!!
🥀🌲नदियां तलाश करती हूँ,
यहाँ तो लोग गिनाते हैं.🌲🥀
खूबियां अपनी,
मैं अपने आप में……!!
🥀🌲कमियां तलाश करती हूँ,