
अब कहा प्यार दिल से होता है,
पहले, प्रश्नों का पर्चा, तैयार होता है,
जात पात, तो मिटा दी है मगर,
बैंक बैलेंस अहम किरदार होता है,
कितना कमाते हो, क्या बचाया है,
मां बाप साथ तो नहीं रहेंगे ना,
सबसे ज्यादा, मुझे प्यार करोगे ना,
गिफ्ट के टैग से, मोहब्बत को नापा जाता है।।
मोलभाव किया जाता है,
नीलाम किया जाता है,
जो बोली ज्यादा लगता है,
अब वही प्यार पाता है।।
देव
सुना है मिल के चलने से मुक़द्दर जाग जाते हैं।
ये बात आज़माने को चलो एक साथ चलते हैं।।
अधूरे रह जाते हैं अक्सर एहसास भी…..
जब शब्द बहुत सोचकर कहे जाते हैं…..!!
शब्दों का चयन और मेल दोनो ही सत्य दिखा रहे हैं। मनमोहक रचना है देव। अभिनन्दन
Shukriya Renuji