सुबह, कितना सिखाती है

सुबह, कितना सिखाती है,
ये हर रात के बाद आतीं है,
ख्वाब, जो देखें थे रात में,
बुनने का, जरिया बन जाती है,

सुबह, हर रोज आती है,
आशाएं, नई लाती है,
सूरज की पहली किरण से पहले,
जीवन में उजाला लातीं है,

सुबह, मुझको बताती है,
जो हुआ, वो कल था,
आज, फिर मिला है तुझे,
उठ, बड़, कर कुछ नया।।

देव

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