बस, हक्का बक्का सा रह गया,
उसको देखा, और खड़ा राह गया,
सालो बाद उसे देखा था,
यूं तो काफी साल, पड़े थे साथ,
मगर, वो थी प्राइमरी की बात,
पड़ोस में ही रहती थी,
और स्कूल भी जाते थे साथ,
मगर वो बचपन था,
और अब वक़्त कुछ और था,
और बात कुछ और नहीं थी,
बस, एक लम्हा था,
उसका रूप अब कुछ और था,
हाथो की चूड़ियां बता रही थी,
शादी के बाद, पहली बार वो,
घर आ रही थी,
बस, यही दुआ दिल से आ रही थी,
सलामत रखे खुदा उसको,
नए रूप में वो, खूब भा रही थी।।
देव
12 may 2020