कुछ तो अलग अहसास था,
आज उसके नहीं पास था,
या कह दूं, वही दूर थी,
लेकिन वो तो कब से दूर है,
पास ही कब आईं थीं,
या आईं थी, तो मैंने,
महसूस नहीं किया,
या वो बिन बोले,
आईं, और चली भी गई,
या वो अब भी यही है,
मेरे आस पास,
और देख रही है मुझे,
मगर देख रही है,
तो बोल क्यूं नहीं रही,
या आज फिर मेरे,
बोलने का इंतेज़ार कर रही है,
मगर, में तो हमेशा ही,
बोलता हूं, चुप कहा रहता हूं,
वो भी यही तो बोलतीं थी,
मगर, आज चुप क्यूं है
या में बस यूं ही सोच रहा हूं,
वो कही नहीं है,
जिंदगी है, इतनी आसान नहीं है।।
देव
11 may 2020