श्यामा, तुझ बिन मै, रह पाऊं, कैसे

तुझ बिन सूनी, गोकुल की गलियां,
क्या मैं बताऊं, तुझको कन्हैया,
यूं तो मन में, सूरत है तेरी,
पर नजरो को, प्यास है तेरी,
तू ही बता, समझाऊं कैसे,
श्यामा, तुझ बिन मै, रह पाऊं, कैसे,
श्यामा, तुझ बिन मैं, रह पाऊं, कैसे।

आंगन में, भरा मक्खन, का घड़ा है,
यमुना तट, वट वृक्ष खड़ा है,
गगरी गोपियां, लेकर खड़ी है,
ग्वालों की वो, सेना खड़ी है,
तू ही बता, घर जाऊं कैसे,
श्यामा, तुझ बिन मै, रह पाऊं, कैसे।

प्रेम के रंग में, रंगी गोपियां,
मुरली धुन को, तरसती गैयां,
तात है तकते, तेरी डगरिया,
माता यशोदा, की, पथराई अखियां,
तू ही बता, तुझे लाऊं कैसे,
श्यामा, तुझ बिन मै, रह पाऊं, कैसे।।

देव

3 may 2020

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