बुरा तो लगता है, जब वो मुझसे,
मुंह फेरती हो, औरो से बात करती है,
भूल गया था मैं, मुझे बस,
अच्छा दोस्त समझती है,
और मैंने तो इश्क़ किया है, उससे,
और उसने ही तो बढ़ने दिया है इसे,
अब फिर से, उसी मोड़ तक आने में,
कुछ घड़ियां लगती है।।
देव
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बुरा तो लगता है, जब वो मुझसे,
मुंह फेरती हो, औरो से बात करती है,
भूल गया था मैं, मुझे बस,
अच्छा दोस्त समझती है,
और मैंने तो इश्क़ किया है, उससे,
और उसने ही तो बढ़ने दिया है इसे,
अब फिर से, उसी मोड़ तक आने में,
कुछ घड़ियां लगती है।।
देव